हलीम चला चाँद पर
हलीम नाम के एक लड़के को एक दिन चाँद पर जाने की इच्छा हुई। वह एक रॉकेट के कारखाने में गया। उसने एक रॉकेट लिया और रॉकेट पर बैठकर चाँद की तरफ़ चल पड़ा। रास्ते में चलते-चलते अँधेरा हो गया। अब हलीम को डर लगने लगा, क्योंकि उसे चाँद पर जाने के रास्ते का पता नहीं था। थोड़ी देर में उसने चाँद देखा और वह खुश हो गया। चाँद पर ढेर सारे बड़े-बड़े गड्ढे और बड़े-बड़े पहाड़ थे। लेकिन वहाँ कोई पेड़-पौधा, जानवर या मनुष्य नहीं था। हलीम को यह जगह बिलकुल ही पसंद नहीं आई और वह रॉकेट पर बैठकर अपने घर लौट आया।
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