पत्ते ही पत्ते
इस कहानी की लेखिका वर्षा सहस्रबुद्धे हैं। यह कहानी मौज मस्ती का खेल खेलते बच्चे और उनकी दीदी की है। खेल प्रारंभ होता है। दीदी बच्चों से कहती हैं कि मैं पाँच तक गिनती करूंगी और तुम लोग एक-एक करके गोला बनाकर बैठ जाओगे। दीदी के गिनती पूरी करते ही सभी बच्चे गोला बनाकर बैठ गए। आज दीदी पत्ते लेकर आई थीं और बच्चों को उनके बारे में जानकारी देना चाहती थीं। दीदी अपने साथ तरह-तरह के पत्ते लेकर आई थीं। कुछ पत्ते लंबे, कुछ गोल, कुछ छोटे और कुछ बड़े थे। एक पत्ता लाल, एक पीला और एक कत्थई रंग का था। एक पत्ते पर नसें दिख रही थीं, एक पत्ता कतरीला था। एक पत्ते का डंठल एकदम सीधा था तो एक पत्ता झालरवाला था। बच्चों ने जब पत्तों को छूकर देखा तो कोई पत्ता एक तरफ़ से मुलायम था तो दूसरी तरफ से खुरदरा। कुछ पत्ते बंदनवार जैसे लग रहे थे।
शब्दार्थ : कत्थई – कत्थे के रंग का। नस – नाड़ी। कतरीला – कटे हुए आकार का। डंठल – पौधों की शाखा। झालर – शोभा के लिए बनाया गया लहरदार किनारा। मुलायम – कोमल। खुरदरा – रूखा। बंदनवार – वंदनमाला।
Question
Question 1 : गिनती मे एक, दो के बाद क्या आता है?
1. पाँच
2. छह
3. तीन
4. चार
Answer
Correct Anaswer : 3
Explanation:
तीन
833
Question 2 : दो रंग वाले पत्ते मे कौन-कौन से रंग मिले हुए थे
1. पीला, कत्थई
2. हरा, पीला
3. गुलाबी, नीला
4. सफेद, कत्थई
.
Answer
Correct Anaswer : 1
Explanation:
पीला, कत्थई
834
Question 3 : एक पत्ते का डंठल कैसा था?
1. गोला
2. चौड़ा
3. टेढ़ा
4. सीधा
Answer
Correct Anaswer : 4
Explanation:
सीधा
835
Question 4 : कोई पत्ता एक तरफ से मुलायम था तो दूसरी तरफ से __________
1. काँटेदार
2. मुलायम
3. खुरदरा
4. छेद वाला
Answer
Correct Anaswer : 3
Explanation:
खुरदरा
836
Question 5 : दीदी __________ के पत्ते लाई थीं |
1. तरह-तरह
2. एक जैसे
3. छोटे-छोटे
4. मोटे-मोटे
Answer
Correct Anaswer : 1
Explanation:
तरह-तरह
837